Monday, September 24, 2018

दुनिया नापने की दौड़ में तूफान से लड़ते जांबाज को बचाया

यी दिल्ली,  सितंबर (एजेंसी)
ऑस्ट्रेलिया के पास हिंद महासागर में 3 दिन से फंसे भारतीय नौसेना के अधिकारी अभिलाष टॉमी को सोमवार को बचा लिया गया। दुनिया की यात्रा पर अकेले निकले अभिलाष (39) की पाल वाली नौका एक शक्तिशाली तूफान में फंस गयी थी। वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्हें बचाने के लिए कई देशों ने साझा अभियान चलाया। आखिरकार फ्रांस की मछली पकड़ने वाली नौका ओसिरिस ने उन्हें बचाया। बचाव अभियान में सफलता के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कमांडर ‘होश में हैं और ठीक हैं।’
कीर्ति चक्र से सम्मानित कमांडर अभिलाष 2013 में समुद्र के रास्ते पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वाले पहले भारतीय बने थे। अब वह गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा लेने गये थे। गोल्डन ग्लोब समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर काटने वाली रेस है, जिसमें प्रतिभागी अपनी नाव पर अकेले होते हैं। प्रतिभागियों को बिना रुके 30 हजार समुद्री मील की दूरी तय कर पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करना होता है। अधिकारियों के अनुसार, टॉमी की नाव पर्थ से 1900 समुद्री मील की दूरी पर तूफान की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। करीब 15 मीटर ऊंची लहरों ने उनकी नाव ‘थोरिया’ को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। उनकी याट का मस्तूल यानी वह खंबा जिससे पाल बंधा रहता है, टूट गया था। जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे अभिलाष किसी तरह यह संदेश भेजने में कामयाब रहे कि उनकी कमर में गंभीर चोट आई है। उन्हें बचाने के अभियान में ‘ऑस्ट्रेलिया रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर’ सहित कई एजेंसियां ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग और भारतीय नौसेना की सहायता कर रही थीं।
हिंद महासागर में तूफान के बाद फंसी उनकी नौका।
84 दिनों में तीसरे स्थान पर
एक जुलाई को प्रतियोगिता शुरू हुई थी। इसके बाद 84 दिनों में अभिलाष 10 हजार 500 समुद्री मील की दूरी तय कर चुके थे और रेस में तीसरे स्थान पर थे।
नक्शे-सितारों के सहारे रेस
इस रेस में प्रतियोगियों के पास पारंपरिक नौका होती है। सैटेलाइट फोन के अलावा संचार का कोई आधुनिक जरिये नहीं होता। सैटेलाइट फोन भी सिर्फ एमरजेंसी के लिए दिया जाता है। नाविक सिर्फ नक्शे, कम्पास और सितारों को देखकर दिशा तलाशते हुए बिना रुके अकेले रास्ता तय करते हैं।शिया कप में श्रीलंका के निराशाजनक प्रदर्शन और उसके पहले ही राउंड में बाहर हो जाने की गाज श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज पर गिर गयी और उनकी कप्तानी छीन कर दिनेश चांदीमल को वनडे टीम का भी कप्तान बना दिया गया।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के चयनकर्ताओं ने टीम के पहले राउंड में बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हार कर बाहर हो जाने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए मैथ्यूज को वनडे टीम के कप्तान पद से हटा दिया और उनकी जगह टेस्ट टीम के कप्तान चांदीमल को वनडे टीम की भी कमान सौंप दी। मैथ्यूज 10 महीने तक ही टीम के कप्तान रह सके। मैथ्यूज को इसी साल जनवरी में फिर से वनडे और ट्वेंटी-20 टीमों की कप्तानी सौंपी गई थी। इसके कुछ समय बाद ही वह चोट के कारण टीम से बाहर हो गए थे और कप्तानी चांदीमल को थमाई गई। जुलाई में चोट से उबरने के बाद मैथ्यूज टीम में लौटे और उन्होंने एक बार फिर कप्तानी संभाली लेकिन एशिया कप में टीम की नाकामी उन पर भारी पड़ गयी।
श्रीलंका पांच बार एशिया कप में चैंपियन रहा है लेकिन इस बार उसका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।एशिया कप में श्रीलंका टीम के खराब प्रदर्शन के कारण चारों ओर से हो रही आलोचनाओं के बाद श्रीलंका के चयनकर्ताओं को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
एंजेलो मैथ्यूज
मैथ्यूज ने उन्हें कप्तान पद से हटाए जाने पर निराशा जाहिर करते हुए बोर्ड को लिखे पत्र में कहा है कि एशिया कप में टीम के खराब प्रदर्शन के मामले में उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मैथ्यूज ने बोर्ड को अपने पत्र में कहा, ‘एसएलसी और कोचों की बैठक के बाद मुझे वनडे और ट्वेंटी-20 टीमों के कप्तान पद से हटने के लिए कहा गया। यह मेरे लिए हैरानी वाली बात थी और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि एशिया कप में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए मुझे ही बलि का बकरा बना दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं एशिया कप में अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ मिली हार की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे साथ धोखा हुआ है और सारा दोष मुझ पर मढ़ा जा रहा है। मैं इस फैसले के पीछे के कारणों से सहमत नहीं हूं लेकिन मैं फैसले का सम्मान करता हूं।’